चलिये उस जहाँ में चलते हैं
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिस दिन कविता से लोगों के,
23/96.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
*जो भी अपनी खुशबू से इस, दुनिया को महकायेगा (हिंदी गजल)*
किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।