2573.पूर्णिका
2573.पूर्णिका
🌷⚘हाथों में खंजर देखिए 🌷⚘
22 22 2212
हाथों में खंजर देखिए ।
कातिल कत्ल मंजर देखिए ।।
सब लोग यहाँ है बेदर्दी ।
ऐसे वैसे मंजर देखिए ।।
आज ठिकाना अपना नहीं ।
बदले बदले मंजर देखिए ।।
साजन भूखे हम प्यार के ।
बेदिल हरदम मंजर देखिए ।।
आज कहानी खेदू यही ।
रूठे रूठे मंजर देखिए ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
7-10-2123शनिवार