वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जीवन से पहले या जीवन के बाद
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
मौन की भाषा सिखा दो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
सफलता कड़ी मेहनत और दृढ़ता की शक्ति में विश्वास करती है। अक्