माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपने अपने की जरूरत के हिसाब से अपने अंदर वो बदलाव आदतो और मा
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
पर्वत को आसमान छूने के लिए
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
लिखूं अहसास दिल के धड़कनों में तुम छुपा देना ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो