2554.पूर्णिका
2554.पूर्णिका
🌷मंजिल पांव चूम गए 🌷
22 212 22
मंजिल पांव चूम गए ।
अपना यार झूम गए ।।
खुशियों की कहानी अब ।
गम को हो मालूम गए ।।
वक्त तो साथ हरदम है ।
मेला आज घूम गए ।।
कहते बात सब दिल के ।
दुनिया बूम बूम गए ।।
दीवाना बना खेदू ।
जब से जानम तुम गए ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-6-2023गुरुवार