जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
*स्मृति: शिशुपाल मधुकर जी*
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी भी बहाने से उसे बुलाया जाए,
बिरखा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गुजिश्ता साल तेरा हाथ, मेरे हाथ में था
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
ہونٹ جلتے ہیں مسکرانے میں
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का