वंशवादी जहर फैला है हवा में
आज की हकीकत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
*एक अखंड मनुजता के स्वर, अग्रसेन भगवान हैं (गीत)*
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कितने अच्छे भाव है ना, करूणा, दया, समर्पण और साथ देना। पर जब
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,