लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
प्यार में, हर दर्द मिट जाता है
आजकल ईश्वर ,ठीक मेरे बगल में सोता है...
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से...
The Day I Wore My Mother's Saree!
"ठोको जी भर ताली..!"-हास्य कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?