बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
ताड़का सी प्रवृत्ति और श्याम चाहिए,
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संविधान को अपना नाम देने से ज्यादा महान तो उसको बनाने वाले थ
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
प्रेम : तेरे तालाश में....!
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
*दशहरे पर मछली देखने की परंपरा*
दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं,
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'