''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मासूम कोयला
singh kunwar sarvendra vikram
कोरोना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
होली
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
मैं अपने आप को समझा न पाया
परमात्मा
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर