सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
छंद: हरिगीतिका : इस आवरण को फोड़कर।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अदम्य जिजीविषा के धनी श्री राम लाल अरोड़ा जी
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
दिल का मासूम घरौंदा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
If We Are Out Of Any Connecting Language.
ये बहाव भी जरूरी है,ये ठहराव भी जरूरी है,जरूरी नहीं ये धूप ह
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,