हिन्दी दोहा-विश्वास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*चलो आज झंडा फहराऍं, तीन रंग का प्यारा (हिंदी गजल)*
गुज़रे वक़्त ने छीन लिया था सब कुछ,
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
**कविता: आम आदमी की कहानी**