2519.पूर्णिका
2519.पूर्णिका
🌹मेरा नसीब खिल गया 🌹
2212 1212
मेरा नसीब खिल गया ।
राही करीब मिल गया ।।
दिल के अमीर हम बने।
कोई गरीब मिल गया ।।
जीना यहाँ खुशी खुशी।
साथी रकीब मिल गया ।।
परवाह की समझ हमें ।
सच वो तहजीब मिल गया ।।
खेदू नया लिखे पढ़े ।
जग भी अजीब मिल गया ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-9-2023शुक्रवार