2505.पूर्णिका
2505.पूर्णिका
🌷 चलते डगर डगर 🌷
22 1212
चलते डगर डगर।
रखते नजर नजर।।
मंजिल यहीं कहीं ।
जागो फजर फजर।।
छूते बुलंदियां ।
शानी शजर शजर ।।
गम में खुशी मिले ।
उम्रभर गुजर बसर।।
खेदू चमन सजे।
जीवन हटर हटर ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-9-2023बुधवार