2497.पूर्णिका
2497.पूर्णिका
🌷अपना कोई मिल जाता है 🌷
22 22 22 22
अपना कोई मिल जाता है ।
दिल से दिल भी मिल जाता है ।।
गम और खुशी है अंग यहाँ ।
जीने का पथ मिल जाता है ।।
धोखा देते खाते धोखा ।
बचते मौका मिल जाता है ।।
दुनिया भी जालिम ना समझे।
चलके मकसद मिल जाता है ।।
नव रंग यहाँ भरते खेदू ।
साथ निभाने मिल जाता है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-9-2023मंगलवार