2492.पूर्णिका
2492.पूर्णिका
🌷कुछ तो आधार बना कर चल 🌷
22 22 22 22
कुछ तो आधार बना कर चल ।
अपना संसार बना कर चल ।।
पग तेरा चूमेगी मंजिल ।
खुद की सरकार बना कर चल ।।
होता पार कश्ती से दरिया ।
वक्त को पतवार बना कर चल ।।
दिन है अंधेरी रात नहीं ।
सुंदर औजार बना कर चल ।।
जीवन बगियां महके खेदू ।
सपना साकार बना कर चल ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-9-2023सोमवार