2486.पूर्णिका
2486.पूर्णिका
नफरत कोई करते करते कोई प्यार
22 22 22 22 2221
नफरत कोई करते ,करते कोई प्यार।
छोटी सी दुनिया है प्यारा सा संसार ।।
कलकल करती नदियाँ बहती देखो आज।
मस्त मौला होकर जीते यूँ रोज बहार ।।
कुदरत का खेल निराला सुंदर तकदीर ।
भरते साजन बाहों में अपने हरबार ।।
देश निकाला निकल गए कब पथ आसान ।
दरिया भी पार कश्ती और यहाँ पतवार ।।
चूमे मंजिल पाँव हमारे खेदू देख।
समझ लिया है जीवन जीने का आधार ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-9-2023गुरुवार