2479.पूर्णिका
2479.पूर्णिका
🌹कभी हाँ कभी ना करते रहे🌹
122 122 2212
कभी हाँ कभी ना करते रहे ।
हसरतें यहाँ सब मरते रहे ।।
खिले फूल बनके ये जिंदगी ।
चमन के लिए हम तरसते रहे ।।
जमाना जहाँ है आवारगी ।
शबाबी महफिलें सजते रहे ।।
हया छोड़ देखे बेचारगी ।
समय के पना में कसते रहे ।।
पता भी रखें खेदू सादगी ।
निभाकर सनेह बरसते रहे ।।
…………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
17-9-2023रविवार