2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
🌹ज्ञान का दीप जले हरदम🌹
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ज्ञान का दीप जले हरदम ।
प्रगति पथ लोग चले हरदम ।।
प्यार की बारिश में भींगे।
नफरतें भी धूले हरदम ।।
साथ साथी बनके रहते।
आग अपनी जले हरदम ।।
जिंदगी की अजब कहानी ।
हम लगाते न गले हरदम।।
रोकना है रोके खेदू ।
देख इंसान भले हरदम ।।
…………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
5-9-2023मंगलवार