2462.पूर्णिका
2462.पूर्णिका
🌹गुरु बिन ज्ञान मिलता कहाँ है🌹
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गुरु बिन ज्ञान मिलता कहाँ है ।
जरा सा मान मिलता कहाँ है ।।
बने बिगड़े हमेशा यहाँ सब ।
लगा दे ध्यान मिलता कहाँ है ।।
खिले महके चमन जिंदगी भी ।
चले वक्ष तान मिलता कहाँ है ।।
पढ़े हर पाठ दुनिया सभी अब ।
करें बलिदान मिलता कहाँ है ।।
गुरू को नमन् है याद खेदू ।
जरा सा दान मिलता कहाँ है ।।
…………डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
।5-9-2023मंगलवार
( शिक्षक दिवस)