2457.पूर्णिका
2457.पूर्णिका
🌷चूहे बन कुतर जाते हैं🌷
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चूहे बन कुतर जाते हैं ।
मैदां में उतर जाते हैं ।।
बिगड़ी दुनिया यहाँ देखो ।
हर चीजें कतर जाते हैं ।।
हम दिल की बात ना करते।
यूं तीतर बितर जाते हैं ।।
नफरत मिटते नहीं अब तो ।
प्यारे तरबतर जाते हैं ।।
हरदम पैगाम दे खेदू ।
पुण्य प्रसून तर जाते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
1-9-2023शुक्रवार