जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
Mushaakil musaddas saalim
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
everyone run , live and associate life with perception that
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,