2452.पूर्णिका
2452.पूर्णिका
🌷यूं भर के हामी 🌷
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यूं भर के हामी।
करते बदनामी ।।
देखे हमने भी ।
ऐसे आसामी ।।
चूर मस्ती में रह ।
सूरत बादामी ।।
दुनिया आज कहाँ ।
चलते अनुगामी ।।
दामन दामन में ।
होगा आगामी ।।
सत्य पथ चल खेदू ।
हम है सतनामी ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-8-2023मंगलवार