2450.पूर्णिका
2450.पूर्णिका
🌹पाना था पा लिया🌹
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पाना था पा लिया।
सबका मन भा लिया।।
आता जाता नहीं ।
गाना था गा लिया ।।
था जो कुछ किस्मत में ।
खाना था खा लिया ।।
प्यार मिले प्यार से।
रोज सितम ढ़ा लिया।।
बांटे खेदू खुशी ।
जग से कुछ ना लिया ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-8-2023सोमवार