गर्मी और नानी का आम का बाग़
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वाणी को रसदार बना।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी