2449.पूर्णिका
2449.पूर्णिका
🌹नैन तरसता है एक झलक पाने के लिए 🌹
2121 22 2121 22 212
नैन तरसता है एक झलक पाने के लिए ।
बाग बाग दिल भी एक झलक पाने के लिए ।।
अजब गजब ये दुनिया महान महके जिंदगी ।
देख मचलता है एक झलक पाने के लिए ।।
बदल बदल चोला रोज रोज बदले सब यहाँ ।
सोच बदलता है एक झलक पाने के लिए ।।
नेक करम अपना धरम हम निभाते हो भला।
जोश होश रखते एक झलक पाने के लिए ।।
दांव यूं लगाते हार जीत खेदू खुश रहे ।
प्यार बिखरता है एक झलक पाने के लिए ।।
……………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
27-8-2023रविवार