#खज़ाने का सांप
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
23/174.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
- गहलोत अब तेरा क्या होगा -
शीर्षक -"मैं क्या लिखूंँ "
*बॉस की चिड़िया बैठाना (हास्य व्यंग्य)*
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)