ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
A Picture Taken Long Ago!