याद - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
"यादें" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
ब्राह्मण बुराई का पात्र नहीं है
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना