2439.पूर्णिका
2439.पूर्णिका
🌹हरदम मन में डर रहता है 🌹
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हरदम मन में डर रहता है ।
देखो कौन निडर रहता है ।।
जीवन का लो आनंद यहाँ ।
घर में अपना घर रहता है ।।
हर चीज मनपसंद मिलेगा ।
हाथ जहाँ सर पर रहता है ।।
रोना धोना छोड़े दुनिया।
सब में प्यार अक्सर रहता है ।।
साथ निभाते हम तो खेदू ।
प्यारा रोज सफर रहता है ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-8-2023शनिवार