2436.पूर्णिका
2436.पूर्णिका
🌹पथ प्रगति का मिल जाता🌹
2122 22 22
पथ प्रगति का मिल जाता है ।
चेहरा भी खिल जाता है ।।
महक जाती हैं दुनिया भी ।
नेक जीवन खिल जाता है ।।
बेसहारा आधार मिले।
साथ पाकर खिल जाता है ।।
बरसते हम बादल बनके ।
बन मस्ताना खिल जाता है ।।
बेहिसाब यहाँ वक्त खेदू ।
प्यार हरदम खिल जाता है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-8-2023गुरुवार