2432.पूर्णिका
2432.पूर्णिका
🌷जो सोचा वो पाया हमने🌷
22 22 22 22
जो सोचा वो पाया हमने ।
सबका मान बढ़ाया हमने ।।
नफरत की ये दीवार मिटे।
जब भी हाथ बढ़ाया हमने ।।
सपनें देखें झूमे नाचे ।
मिलके सजन बढ़ाया हमने ।।
दुनिया की अजब कहानी है ।
अपना काम बढ़ाया हमने।।
जीवन महके हरदम खेदू ।
ऐसा कदम बढ़ाया हमने।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
13-8-2023रविवार