2431.पूर्णिका
2431.पूर्णिका
🌷करके माफ धन्य हुआ🌷
22 22 22
अपराध न जघन्य हुआ ।
करके माफ धन्य हुआ ।।
मित्र बन साथ निभाते।
देखो मन चैतन्य हुआ।।
नेक यहाँ चाहत है ।
सीना आज तन्य हुआ ।।
मंजिल अपनी प्यारी ।
सपने जोश अन्य हुआ ।।
दुनिया चमके खेदू ।
साहिल भी अनन्य हुआ ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
12-8-2023शनिवार