24/230. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/230. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 पाना हे त खोना हवे🌷
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पाना हे त खोना हवे।
चांदी हे त सोना हवे।।
जिनगी का इहां देख तै।
बस दिन रात रोना हवे।।
पीरा जानही कोन हा ।
हिजगा जौन बोना हवे।।
ये अंजोर हा बगरही ।
सिरतो पाप धोना हवे।।
सुरता रोज खेदू करय।
संगी मन बिटोना हवे।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-01-2024बुधवार