2385.पूर्णिका
2385.पूर्णिका
🌷ना जाने अब क्या होगा 🌷
22 22 22 2
जाने ना अब क्या होगा ।
माने ना अब क्या होगा।।
दूर नहीं मंजिल अपनी ।
बोले ना अब क्या होगा।।
ठहरा सागर भी गहरा।
लहरें ना अब क्या होगा ।।
रोज उजाला जीवन में ।
बिखरे ना अब क्या होगा ।।
आजाद जहाँ है खेदू ।
बांधे ना अब क्या होगा ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-7-2023शनिवार