2373.पूर्णिका
2373.पूर्णिका
🌹देख नजारे दीवाना हुआ 🌹
22 22 22 212
देख नजारे दीवाना हुआ ।
रोज शमा का परवाना हुआ ।।
थाह नहीं सागर सा जिंदगी ।
दुनिया को बस जतलाना हुआ ।।
मंजिल यूं कदम रखें हम जहाँ ।
दोस्ती प्यारी मिलवाना हुआ ।।
उमड़े सैलाब यहाँ प्यार की ।
दिल भी सबको दिखलाना हुआ ।।
खुद हाथ गुरू खेदू थाम ले ।
फूलों सा अब मुस्कुराना हुआ ।।
…………डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
3-7-2023सोमवार
गुरू पूर्णिमा