2371.पूर्णिका
2371.पूर्णिका
🌷मर जाओगे खप जाओगे🌷
22 22 22 22
मर जाओगे खप जाओगे।
कुछ भी न यहाँ कर पाओगे।।
बेदर्द बेरहम जमाना है ।
दुख भी न यहाँ हर पाओगे।।
मतलबपरस्ती दुनिया देखो ।
चलते चलते डर जाओगे ।।
न बचा आज ठिकाना कोई ।
बस तुम सीधे घर जाओगे ।।
पाँव चुमेगी मंजिल खेदू ।
सच आज जब सुधर जाओगे ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
2-7-2023रविवार