2364.पूर्णिका
2364.पूर्णिका
🌷जो होना है होकर रहता 🌷
22 22 22 22
जो होना है होकर रहता।
अपना दिल भी सच सच कहता।।
बेगाने आज मस्ताना सा।
यूं आँखों में बस अश्क बहता ।।
ख्यात हुए हम दुनिया भर में ।
ये जुल्म सितम कहाँ कब सहता ।।
राज यहाँ परदा के पीछे ।
मिनटों में देख कहर ढ़हता ।।
आज खुशी संग नहीं खेदू ।
फिर भी चाहत का बन चहता ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-6-2023गुरूवार