2347.पूर्णिका
2347.पूर्णिका
🌷किसी को नाम से एलर्जी है 🌷
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किसी को नाम से एलर्जी है ।
किसी को काम से एलर्जी है ।।
पता मालूम है मंदिर का।
किसी को धाम से एलर्जी है ।।
चमन है ये बहारों का अब ।
किसी को जाम से एलर्जी है ।।
अमीर गरीब की बात नहीं ।
किसी को दाम से एलर्जी है ।।
जुबान सुबह यहाँ खेदू यूं ।
किसी को शाम से एलर्जी है ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-6-2023शनिवार