2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
🌷चाहत नहीं अपने दुखी हो जाए🌷
2212 2212 22 2
चाहत नहीं अपने दुखी हो जाए।
बस चाहते दुनिया सुखी हो जाए ।।
दिल भी फिदा पाकर जिसे आज यहाँ।
खुश देखकर साथी खुशी हो जाए ।।
नायाब होते कुछ रिश्तें भी देखो ।
सच चुलबुले दर्द यूं हँसी हो जाए ।।
नासमझ करते हैं यहाँ नादानी ।
हम प्यार में प्यारे नबी हो जाए ।।
बुनियाद जब मजबूत खुद की खेदू ।
अपनी चमक सबकी सखी हो जाए ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
6-8-2023 रविवार