2323.पूर्णिका
2323.पूर्णिका
🌷जब से मिली हो जिंदगी महक उठी है 🌷
2212 2212 22 22
जब से मिली हो जिंदगी महक उठी है
ये प्यार के मन पंछियां चहक उठी है ।।
सारा जमाना देखके यूं इठलाता।
अब गम नहीं खुशियाँ यहाँ लहक उठी है ।।
होने लगी हर ख्वाहिशें सच में पूरी ।
मदहोश होकर कदम भी बहक उठी है ।।
देते सहारा दीन दुखियों की आँखें हम ।
अपनी जज़्बातें शान से दहक उठी है ।।
नवरंग में रंगे जहाँ हरदम खेदू ।
गाते तराने किस्मत भी चमक उठी है ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
4-8-2023शुक्रवार