2306.पूर्णिका
2306.पूर्णिका
🌷जान कर भी अनजान बने 🌷
2122 22 22
जान कर भी अनजान बने ।
आज खुद ही भगवान बने ।।
जिंदगी बदल गई दुनिया ।
बस दिखावा ना शान बने ।।
क्या नहीं कुछ करते बातें ।
बंद आँखें नादान बने ।।
भोगते सुख रोज जन्नत का।
जान अपनी पहचान बने ।।
दर्द मिटाते मरहम खेदू ।
यूं खुशी से इंसान बने ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-5-2023सोमवार