23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷मय तो माथ नवावंव🌷
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मय तो माथ नवावंव।
तोरे गुन ला गावंव।।
महकत राहय जिनगी।
बगियां रोज सजावंव।।
मन के ये मंदिरवा ।
दुनिया सुघ्घर बसावंव।।
सुनता के बन दीया ।
अंजोरे बगरावंव।।
धरमी चोला खेदू।
बिकटे नाम कमावंव
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-10-2023रविवार