23/94.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/94.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷हिरदे मा समाये हस 🌷
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हिरदे मा समाये हस।
जिनगी ला बनाये हस।।
मनखे का कही झन डर।
दुनिया ला बनाये हस।।
हाँसत गात देख इहां ।
रोवत ला बनाये हस ।।
नांगर नगरिहा जोते।
खेती ला बनाये हस।।
लहकत हे खुसी खेदू।
बिगड़े ला बनाये हस।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-10-2023रविवार