23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷कतनो समझाले नई समझय🌷
22 22 212 22
कतनो समझाले नई समझय।
फोकट के ला सब नई समझय।।
मिलय खुसी भर बिकट सबला बस ।
हिरदे के पीरा नई समझय।।
आरो लेवत कोन रहिथे अब।
मर जाथे जीयत नई समझय।।
तिरिया चरितर देख लव संगी।
बेरा ला बेरा नई समझय।।
जीना मरना सीख ले खेदू।
ये दुनिया निरदय नई समझय।।
…………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार