23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 मनखे बेगाना हवे संगी🌷
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मनखे बेगाना हवे संगी।
काकर दीवाना हवे संगी।।
मरजी के मालिक बने कइसे।
ये आज जमाना हवे संगी।।
उड़ती चिरईया इहां उड़थे।
बस जान बचाना हवे संगी ।।
फोकट के स्ब देख खवईया।
भव पार लगाना हवे संगी।।
मतलब के साथी इहां खेदू ।
पहचान बनाना हवे संगी।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार