23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 मोर पीरा नई जानय🌷
212 212 22
मोर पीरा नई जानय।
बात दुनिया नई मानय ।।
कलपत रथे इहां हिरदे।
साथ कोनो नई तानय।।
पाट देथे जिहां डबरा ।
खोचका ला नई खानय।।
बांटथे जे मया पाथे ।
हाँस के मन नई लानय।।
रोज अंजोर कर खेदू।
सब करेजा नई चानय ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
23-10-2023सोमवार