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23 Jun 2021 · 26 min read

हास्य कुंडलियाँ

100 हास्य कुंडलियाँ

#बैरी डायबिटीज

मन का सब सुख ले गई , बैरी डायबिटीज
कहना सब से पड़ रहा , नो मिठाइयाँ प्लीज
नो मिठाईयां प्लीज, न आइसक्रीम खिलाओ
दहीबड़ा है अगर , सौंठ के बिन ही लाओ
कहते रवि कविराय,जीभ हिस्सा कब तन का
छाया है परहेज, न मिलता खाना मन का

#गाली का गुणगान

गाली चौतरफा बढ़ी , गाली का गुणगान
गाली दे- देकर बने , गाली – वीर महान
गाली – वीर महान , गालियाँ नेता देते
गाली जिनकी प्रौढ़, वोट जनता से लेते
कहते रवि कविराय, रखो मत वाणी खाली
सीखो गाली- ज्ञान , विरोधी को दो गाली
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल// 99976 15451
[10/5/2019, 3:15 PM] Ravi Prakash: नेता तिनकादास( कुंडलिया)
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धारा .के संग .में . बहा ,. नेता .तिनकादास
नालायक था कर दिया , जनता. ने पर पास
जनता ने पर पास , उसे घनघोर जिताया
जैसे छप्पर फाड़ , .माल . निर्धन ने पाया
कहते रवि कविराय, खेल किस्मत का सारा
लग जाता है पार , साथ में जिसके धारा
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रचरिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[14/5/2019, 3:48 PM] Ravi Prakash: रिश्वत( कुंडलिया )

खाते रिश्वत जो बड़ी , उनकी लंबी कार
उनके ठाठ बड़े हुए ,चौड़ा घर का द्वार
चौड़ा घर का द्वार ,गुणी वह ही कहलाते
दफ्तर से जो लौट, नोट भर-भर कर लाते
कहते रवि कविराय, जन्म यूं तो सब पाते
किस्मत के धनवान, सिर्फ जो रिश्वत खाते
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[17/5/2019, 8:29 PM] Ravi Prakash: जोड़ – तोड़ का दौर ( कुंडलिया)
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सीटें प्रभु जी कम मिलें, सबको ही इस बार
ऐसा हो तो देश में , हो अपनी सरकार
हो अपनी सरकार , स्वप्न में पीएम बनते
जोड़-तोड़ का दौर , खुशी से देखें मनते
कहते रवि कविराय, चलो पीएम पद पीटें
दे दो हे भगवान ,भाग्य में बस दस सीटें

रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451
[25/5/2019, 10:00 AM] Ravi Prakash: धंधा चोखा( कुंडलिया)
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धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम
सबसे अच्छे मिल रहे, इस धंधे में दाम
इस धंधे में दाम, नहीं खुद केवल आओ
जितना है परिवार, चुनावों में सब लाओ
कहते रवि कविराय, सुनो मतदाता अंधा
भाषण लो बस सीख, चलेगा चोखा धंधा
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99 97 61 5451
[25/5/2019, 10:41 AM] Ravi Prakash: राजनीति में परिवारवाद ( कुंडलिया )
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बेटी बेटा कह रहे , पापा दो वरदान
हम भी एम एल ए बनें, कर दो टिकट प्रदान
कर दो टिकट प्रदान , तभी बोली घरवाली
बाँटोगे जब सीट , भूल मत जाना साली
कहते रवि कविराय , सियासत घर में लेटी
राजनीति दामाद , भतीजा साला बेटी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99 97 61 545 1
[25/5/2019, 11:43 AM] Ravi Prakash: किस कारण से हार( कुंडलिया)
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हारे तो भगदड़ मची , लगते हैं आरोप
सब कहते तूने दिया, चाकू मुझको घोंप
चाकू मुझको घोंप , समीक्षा रहती जारी
किस कारण से हार, शिविर में चिंतन भारी
कहते रवि कविराय , तर्क मत ढूंढो सारे
वोटर हुआ खिलाफ, इसलिए केवल हारे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 7615 451
[27/5/2019, 9:31 AM] Ravi Prakash: खाली दुकानदार ( कुंडलिया )
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खाली बैठे कट रही, चलती कहां दुकान
ग्राहक की भीड़ें नहीं , बाजारें सुनसान
बाजारें सुनसान , कमाई अब चौथाई
मन लगने की बात, समस्या बनकर आई
कहते रवि कविराय ,एक लत सबने पाली
मोबाइल के साथ ,देखिए सबको खाली
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99 97 61 5451
[28/5/2019, 4:06 PM] Ravi Prakash: अभिनंदन सम्मान( कुंडलिया)
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अभिनंदन जिसका हुआ,समझो सिर्फ महान
बाकी में संशय बड़ा , हैं भी क्या इंसान
हैं भी क्या इंसान , फूल माला यदि पाई
होता तभी प्रतीत , अकड़ – फूँ वाला भाई
कहते रवि कविराय, समर्पित हो तन मन धन
कोशिश करो जुगाड़, रोज के दो अभिनंदन
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99 97 61 5451
[28/5/2019, 7:21 PM] Ravi Prakash: निर्धनों के नौ बच्चे( कुंडलिया)
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बच्चे कैसे कम करें ,बच्चे घर की शान
मरियल हों चाहे भले, बीमारी की खान
बीमारी की खान , खिलाने के कब पैसे
कैसे करें इलाज , पालते जैसे – तैसे
कहते रवि कविराय, तथ्य हैं बिल्कुल सच्चे
धनवानों का एक , निर्धनों के नौ बच्चे
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: रिश्वत( कुंडलिया)
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रिश्वत देकर नौकरी, जग में चर्चा आम
रिश्वत देकर हो रहे, दफ्तर में सब काम
दफ्तर में सब काम , कमाई ऊपर वाली
रिश्वत नाम दहेज , ला रही है घरवाली
कहते रवि कविराय, पड़ी बहुतायत में लत
वेतन रोटी दाल , खीर हलवा है रिश्वत
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 1:28 PM] Ravi Prakash: हर कोने में पीक( कुंडलिया )
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गमले पीकों से भरे , हर कोने में पीक
जिनके मुंह में पीक है ,कहते हैं यह ठीक
कहते हैं यह ठीक, देखिए क्या पिचकारी
पिच्च पिच्च आवाज, लक्ष्य पर देकर मारी
कहते रवि कविराय , पीक के अद्भुत हमले
क्या दफ्तर घर – बार ,देखिए महके गमले
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रचयिताः रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश (मोबाइल ).99 97 65451
[4/6/2019, 3:01 PM] Ravi Prakash: बढ़ती जनसंख्या की समस्या को रेखांकित करती मेरी एक ताजा कविता :-
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आठ नौ बच्चे करिए( कुंडलिया )
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चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक
इनकम टैक्स अदा करें , सीधे – सादे नेक
सीधे- साधे नेक , खजाना जमकर भरिए
जो जो लोग गरीब , आठ नौ बच्चे करिए
कहते रवि कविराय, हाथ धनवाले मलिए
दस बच्चों के बाप, मुफ्त में खाने चलिए
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश// मोबाइल 9997 61 54 51
[9/6/2019, 11:36 AM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर प्रस्तुत है
एक हास्य कविता :-
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मुफ्त में बच्चे पलते( कुंडलिया)
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बच्चे पैदा कीजिए , घर-घर दस या बीस
ऊपरवाला दे रहा , लेता है कब फीस
लेता है कब फीस , मुफ्त में बच्चे पलते
राशन के कब दाम , चुकाने पड़ते खलते
कहते रवि कविराय ,अक्ल के समझो कच्चे
भरते रहते टैक्स , एक-दो जिनके बच्चे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 9997 61 545 1
[9/6/2019, 4:12 PM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि पर् प्रस्तुत है एक हास्य कविता:-
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हो क्रिकेट की टीम( कुंडलिया)
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घर में बच्चे चाहिए , रखिए ऐसी थीम
कम से कम ग्यारह जने ,हो क्रिकेट की टीम
हो क्रिकेट की टीम , एक दर्जन का नारा
हम दो – दर्जन एक , हमारा नारा प्यारा
कहते रवि कविराय, न रोको अगर- मगर में
भूखे नंगे ठीक , टीम हो लेकिन घर में
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 5:00 PM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि के संबंध में प्रस्तुत है एक हास्य कविता:-
बच्चे हों छह-आठ( कुंडलिया)
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पक्की हित की बात है , बच्चे हों छह-आठ
ठेला- भर राशन मिले , मस्ती में हों ठाठ
मस्ती में हों ठाठ , दवा की पेटी पाएं
जब जाएं सब क्लास, सीट सब भर भर जाएं
कहते रवि कविराय ,पार्टियां हक्की – बक्की
कहतीं इनके वोट , जीत कर देते पक्की
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल नहीं 99976 15451
[27/6/2019, 8:41 PM] Ravi Prakash: पैदल चलिए (हास्य कुंडलिया )
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चलिए पैदल जन सभी , नूतन ट्रैफिक प्लान
पैदल चल-चल कर हुई ,कसरत अबआसान
कसरत अब आसान, पाइए सेहत प्यारी
अब बाइक बेकार , करें पैदल से यारी
कहते रवि कविराय ,नहीं औरों से जलिए
होंगे तगड़े पैर , शहर में पैदल चलिए
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रचयिता :रविप्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[28/6/2019, 8:47 PM] Ravi Prakash: सड़कों पर जाम (हास्य कुंडलिया)
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सारी गलती यह हुई ,घर हैं और दुकान
वरना सड़कें दीखतीं, खाली आलीशान
खाली आलीशान ,लोग कुछ कम हो जाएं
अपने घर कुछ काश, दूर जाकर बनवाएं
कहते रवि कविराय, दुकानें प्यारी – प्यारी
खाली होगी रोड, अगर हट जाएं सारी
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 615451
[7/7/2019, 6:25 PM] Ravi Prakash: बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
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डाई बालों में लगी , दिखते काले बाल
पिचका मुख आंखें धँसी,झुर्री वाली खाल
झुर्री वाली खाल , कहाँ असली बत्तीसी
खाते पतली दाल ,रोज मिक्सी की पीसी
कहते रवि कविराय, बुढ़ापा अति दुखदाई
लगा जान को काम ,बाल हर हफ्ता डाई
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451
[9/7/2019, 4:30 PM] Ravi Prakash: यहाँ रिक्शा कब चलती ( हास्य कुंडलिया )
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आए मामा ट्रेन से , ले भारी संदूक
हम बोले लो हो गई, मामा भारी चूक
मामा भारी चूक, यहाँ रिक्शा कब चलती
अब लादो संदूक, आपकी मामा गलती
कहते रवि कविराय, बात सुनकर घबराए
लौटे उल्टे पाँव, नहीं मामा फिर आए
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रचयिताः रवि प्रकाश बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99976 15451
[24/9/2019, 10:32 AM] Ravi Prakash: हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
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महिला टीवी में दिखी , हर्षित गधा अपार
बोला लो जी हो गया , अब तो बेड़ा पार
अब तो बेड़ा पार , सुंदरी मुझे रिझाती
इससे करूँ विवाह, प्रेम की लिख दूँ पाती
कहते रवि कविराय , गधे का रिश्ता पहिला
सोचा शायद और , रिझाने आए महिला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[18/2/2020, 6:41 PM] Ravi Prakash: अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)
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अभिनंदन में दीजिए , गमला भारी घोर
भारी ऐसा ना उठे , मच जाएगा शोर
मच जाएगा शोर , कमर झटका खाएगी
फिर ओढ़ाओ शाल ,खाल जल-जल जाएगी
कहते रवि कविराय , फागुनी हो जाए मन
यह बसंत का दौर , हास्यमय हो अभिनंदन
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1
[20/2/2020, 7:01 PM] Ravi Prakash: उम्र में अस्सी वाली (हास्य कुंडलिया)
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काली- काली जुल्फ थी ,हिरनी जैसी चाल
मोर सरीखी लग रही , कोयल -सी वाचाल
कोयल – सी वाचाल ,गंध से पवन महकती
आई जब वह पास ,साँस भी लगी बहकती
कहते रवि कविराय , उम्र में अस्सी वाली
फागुन करे जवान , गोरियाँ दिखतीं काली
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[4/3/2020, 7:41 AM] Ravi Prakash: कोरोना और होली मिलाप (हास्य कुंडलिया)
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होली पर होगा नहीं , क्या इस बार मिलाप
कोरोना का चल रहा , चारों और विलाप
चारों ओर विलाप , गले मिलने में मुश्किल
फैलेगा फिर रोग ,भीड़ दिक्कत है महफिल
कहते रवि कविराय ,मिलो पर करो ठिठोली
दो फिट रहिए दूर ,आज की कहती होली
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[9/3/2020, 11:48 AM] Ravi Prakash: उनकी है शुभकामना (हास्य कुंडलिया)
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भरता मोबाइल सदा , आता जब त्यौहार
उनकी है शुभकामना , मेरा बंटाधार
मेरा बंटाधार , गैलरी भर – भर जाती
मजदूरों – सा जुटो , सफाई तब हो पाती
कहते रवि कविराय , बधाई से मन डरता
पटा पड़ा है फोन , बना बैंगन का भरता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[11/3/2020, 4:06 PM] Ravi Prakash: कोरोना (हास्य कुंडलिया)
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रखना मुँह पर हाथ मत , खाँसो भले अपार
हाथ मिलाओ या गले , मिलकर करना वार
मिलकर करना वार , रोग कुछ देकर जाओ
खुद तो हो बीमार , अन्य दो – चार बनाओ
कहते रवि कविराय , स्वाद कोरोना चखना
यह चीनी सामान , ध्यान में ऊपर रखना
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451
[11/3/2020, 4:19 PM] Ravi Prakash: मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)
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जाने किसने रँग दिया,मुख पर ढेर गुलाल
साबुन आधा रह गया , करके इस्तेमाल
करके इस्तेमाल , खाल लगता ज्यों उधड़ी
रंग वही बेहाल , नहीं हालत कुछ सुधरी
कहते रवि कविराय , भेद है अंदरखाने
बाहर दिखे गुलाल , छुपा अंदर क्या जाने
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451
[11/3/2020, 4:28 PM] Ravi Prakash: महामूरख की टोपी( हास्य कुंडलिया)
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टोपी किसके सिर सजे, लिखा मूर्खअधिराज
देखें अब सम्मान यह, मिलता किसको आज
मिलता किसको आज , सभी ने कथा सुनाई
बोले हम हैं मूर्ख , अक्ल कम हमने पाई
कहते रवि कविराय , एक के सिर पर थोपी
वह बोला सद्भाग्य , महामूरख की टोपी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[14/3/2020, 10:55 AM] Ravi Prakash: छींक कुछ श्रोता लाए (हास्य कुंडलिया)
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आए कवि – सम्मेलनी, बोरिंग कवि भरपूर
बैठे थे सब पास में , लेकिन छह फिट दूर
लेकिन छह फिट दूर , सभी श्रोता उकताए
हूटिंग से पर नहीं ,अडिग कवि जी हट पाए
कहते रवि कविराय , छींक कुछ श्रोता लाए
भागे कवि रण छोड़ , मंच पर नजर न आए
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[14/3/2020, 1:01 PM] Ravi Prakash: आयोजक मायूस (हास्य कुंडलिया)
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कोरोना ने कर दिया , कवि सम्मेलन भंग
आयोजक कहने लगे , जाओ अब बैरंग
जाओ अब बैरंग , हास्य कवि हँसकर बोले
नहीं टलेंगे बिना , आपका बटुआ खोले
कहते रवि कविराय , देय देकर फिर सोना
आयोजक मायूस , हाय निर्दय कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451
[23/3/2020, 4:07 PM] Ravi Prakash: लॉकडाउन मत रोएँ (हास्य कुंडलिया)
?????????
सीखें बर्तन माँजना , पाक-शास्त्र का ज्ञान
झाड़ू रोज लगाइए , पोछा है आसान
पोछा है आसान , आप सब कपड़े धोएँ
पति जी यही सलाह , लॉकडाउन मत रोएँ
कहते रवि कविराय , रसोई ही में दीखें
खाली का लें लाभ , काम घर के सब सीखें
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[8/5/2020, 9:49 AM] Ravi Prakash: तीन हास्य कुंडलियाँ
☺️?☺️??
( 1 )
सबसे ज्यादा गिर गए ,होंठ नाक के भाव
कौन अरे अब पूछता ,इनमें किसका चाव
इनमें किसका चाव ,आँख के नखरे भारी
कहती मैं पहचान ,आजकल मुख की सारी
कहते रवि कविराय ,मास्क का फैशन जब से
मूल्यवान हैं कान , काम के ज्यादा सबसे

( 2 )
पीने वाले पी रहे , योगदान आभार
इनके बल पर चल रही ,सभी जगह सरकार
सभी जगह सरकार , देश के नोट प्रदाता
इनकी बहकी चाल ,देखकर मन हर्षाता
कहते रवि कविराय ,नशे में जीने वाले
इनका कार्य महान , धन्य हैं पीने वाले
( 3 )
मरिएगा मत इन दिनों ,बुरा चल रहा दौर
सिर्फ देखेंगे आप ही , नहीं दिखेगा और
नहीं दिखेगा और , कौन अर्थी बँधवाए
कंधे पर ले कौन , प्रश्न मरघट पहुँचाए
कहते रवि कविराय ,शोक घर पर करिएगा
तीजा हुआ अतीत , सोचकर फिर मरिएगा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[14/7/2020, 11:20 AM] Ravi Prakash: साठ बरस के हो गए (हास्य कुंडलिया)
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साठ बरस के हो गए ,हुए सीनियर आज
बोले पचपन पर टिका ,माने मुझे समाज
माने मुझे समाज ,आज से पचपन बोलूँ
उम्र हो गई साठ ,राज हरगिज मत खोलूँ
कहते रवि कविराय ,श्वेत बालों में बस के
उम्र कह रही रोज ,हुए हम साठ बरस के
★★★★★★★★★★★★★★
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[27/7/2020, 10:06 PM] Ravi Prakash: कोरोना और कविवर (हास्य कुंडलिया)
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कोरोना को मिल गए ,कविवर तुक्कड़बाज
बोला छोडूँगा नहीं , पकड़ा तुमको आज
पकड़ा तुमको आज ,श्रेष्ठ कवि कब घबराए
जमकर सारे छंद , गीतिका – गीत सुनाए
कहते रवि कविराय ,बोर आखिर था होना
भागा पीछा छोड़ , दूर सौ फिट कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[29/7/2020, 11:47 AM] Ravi Prakash: शुगर लेकिन दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
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हलवाई को देखिए , बैठा लिए दुकान
मेवा की पंजीरियाँ , जलेबियों के घान
जलेबियों के घान , इमरती शक्करपारा
सुंदर कालाजाम , श्वेत रसगुल्ला प्यारा
कहते रवि कविराय ,शुगर लेकिन दुखदाई
चखने से मजबूर , आह भरता हलवाई
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[12/8/2020, 8:35 AM] Ravi Prakash: मास्क के अन्य लाभ (हास्य कुंडलिया)
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आया मास्क कई – कई , लिए फायदे साथ
मुख को अब ढकना नहीं ,पड़ता रखकर हाथ
पड़ता रखकर हाथ , नहीं बदबू आ पाती
गुंडों की पहचान , फोटुओं में कब आती
कहते रवि कविराय ,लिपस्टिक खर्च बचाया
जिसने पहना मास्क ,लाभ में सौ-सौ आया
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[22/8/2020, 7:41 PM] Ravi Prakash: एक कवि-गोष्ठी यह भी (हास्य कुंडलिया)
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रसगुल्ला रस का भरा ,यह है हास्य-प्रतीक
मठरी में है वीरता , ओजस्वी यह ठीक
ओजस्वी यह ठीक , सोन पपड़ी इतराती
बर्फी आती रोज , सामयिक गीत सुनाती
कहते रवि कविराय,समोसा खुल्लम-खुल्ला
गायक सदाबहार , मात देता रसगुल्ला
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[27/8/2020, 11:53 AM] Ravi Prakash: मात्रा का चक्कर (हास्य कुंडलिया)
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मात्रा का चक्कर बड़ा ,करते तोड़ – मरोड़
रक्खे रख का हो गया ,आधा अक्षर जोड़
आधा अक्षर जोड़ , नीबु निचुड़ा बेचारा
जीता इक का शब्द , एक मात्रा से हारा
कहते रवि कविराय ,फँसे लिखना था छात्रा
हुई छात्र में तीन , हमारी पूरी मात्रा
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[27/8/2020, 6:24 PM] Ravi Prakash: साला – साली (हास्य कुंडलिया)
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साला – साली मानिए ,सारे गुण की खान
इनकी आवभगत करें , दें इनको सम्मान
दें इनको सम्मान , प्रेम – संबंध बनाएँ
करें खूब तारीफ , चापलूसी अपनाएँ
कहते रवि कविराय ,मिलेगा सुख का प्याला
घरवाली के साथ , पूजिए साली – साला
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[30/8/2020, 11:35 AM] Ravi Prakash: ढका मास्क से राज ( हास्य कुंडलिया )
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कानाफूसी रुक गई ,दो गज हैं सब दूर
हाथ मिलाने का नहीं ,जिंदा अब दस्तूर
जिंदा अब दस्तूर ,दाँत देखे कब पीसे
किसने देखा कौन ,निपोरे अपनी खींसे
कहते रवि कविराय ,अगर टॉफी है चूसी
ढका मास्क से राज ,कीजिए कानाफूसी
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[6/9/2020, 1:42 PM] Ravi Prakash: गजब इतिहास रचाया (हास्य कुंडलिया)
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दानी फोटो में दिखे , देते बिस्कुट एक
छह-छह हाथों ने किया ,महाकार्य यह नेक
महाकार्य यह नेक ,गजब इतिहास रचाया
पत्रकार को गिफ्ट ,धन्य सुर्खी में लाया
कहते रवि कविराय ,दान की यही कहानी
फोटोग्राफर साथ , देखिए चलते दानी
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[19/9/2020, 2:11 PM] Ravi Prakash: दो हास्य कुंडलियाँ
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( 1 )
बोलो क्या है नाम में [कुंडलिया]
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बोलो क्या है नाम में , बेढ़ंगे हैं नाम
लक्ष्मीचँद जी कर रहे ,मजदूरों का काम
मजदूरों का काम ,वीर जी सींक – सलाई
कमलनयन की आँख ,देखिए है मुरझाई
कहते रवि कविराय ,तिजोरी जाकर खोलो
अरबपती श्रीमान ,फकीरा की जय बोलो
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( 2 )
सरस्वती से बैर (कुंडलिया)
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लाला लक्ष्मीचंद को , खलती यह ही बात
पढ़े -लिखों के बीच में ,मिलती कब औकात
मिलती कब औकात ,अँगूठा – छाप कहाते
नोटों की भरमार ,किंतु गिनना कब आते
कहते रवि कविराय ,अक्ल पर लटका ताला
सरस्वती से बैर , जन्म से रखते लाला
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[24/9/2020, 12:37 PM] Ravi Prakash: सम्मान (हास्य कुंडलिया )
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””’
खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान
चमचे देखो गा रहे , प्रायोजित यशगान
प्रायोजित यशगान ,फूल कर कुप्पा होते
अपनी माला शॉल ,ओढ़कर खुद ही ढोते
कहते रवि कविराय ,जगत में यह ही चर्चा
एक अदद सम्मान ,चाय – पानी का खर्चा
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[29/9/2020, 4:23 PM] Ravi Prakash: फटा कुर्ता पजामा (हास्य बाल कुंडलिया)
★★★★★★★★★★★★★★★
मामा घर रामू गया , बिना कहे इस बार
घर के बाहर मिल गया ,कुत्ता पर खूँखार
कुत्ता पर खूँखार ,जोर से भौंका झपटा
भागा रामू दौड़ ,पैर रह – रहकर रपटा
कहते रवि कविराय , फटा कुर्ता पाजामा
बोला कर दो माफ ,न फिर आऊँगा मामा
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[19/12/2020, 11:57 AM] Ravi Prakash: इमरती चखते-चखते (हास्य कुंडलिया)
?????????
चखते रसगुल्ला रहें , गरम जलेबी रोज
हलवा लड्डू नुकतियाँ ,मिष्ठान्नों के भोज
मिष्ठान्नों के भोज , खीर का भोग लगाएँ
मालपुए है चाह ,काश ! प्रतिदिन मिल जाएँ
कहते रवि कविराय ,यही इच्छा बस रखते
आए अंतिम साँस ,इमरती चखते – चखते
??????????
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[19/12/2020, 4:58 PM] Ravi Prakash: बोले पति कंजूस (हास्य कुंडलिया)
?????????
आती देखी ठंड तो , बोले पति कंजूस
पत्नी जी ! खुद को करें ,शिमला में महसूस
शिमला में महसूस ,समझ लें पर्वत पर हैं
खाएँ ठंडक खूब , भूलिए अपने घर हैं
कहते रवि कविराय , मुफ्त में मस्ती छाती
करते शिमला सैर , ठंड जैसे ही आती
????????
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[19/12/2020, 5:42 PM] Ravi Prakash: जिनसे दूर नहान (हास्य कुंडलिया)
??????????
अभिनंदन उनका करें ,आलस में जो दक्ष
सर्दी में आए नहीं , जल के कभी समक्ष
जल के कभी समक्ष ,नहाकर नियम न तोड़ा
दस से पहले रोज ,नहीं बिस्तर को छोड़ा
कहते रवि कविराय ,शीत में उनका वंदन
जिन से दूर नहान ,सभी का है अभिनंदन
?????????
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[24/12/2020, 2:07 PM] Ravi Prakash: रवि प्रकाश की दो हास्य कुंडलियाँ
????
( 1 )
दूसरी शादी
फिर से मन दूल्हा बना ,हुई आयु जब साठ
तन नर्तन करने लगा , प्रेम-गीत का पाठ
प्रेम-गीत का पाठ ,छींट की शर्ट सुहाती
दुनिया बोली शर्म ,बुढ़उ को अरे ! न आती
कहते रवि कविराय ,चढ़ा यों पानी सिर से
देकर प्रथम तलाक , रचाई शादी फिर से
??????????
( 2 )
बेचारे पतिदेव
खाते श्री पतिदेव हैं ,पत्नी जी से डाँट
अंदर की यह बात है ,पड़ते अक्सर चाँट
पड़ते अक्सर चाँट ,चोट बेलन पहुँचाता
कर्कश रौद्र स्वरूप ,रहा हर समय डराता
कहते रवि कविराय ,सात जन्मों के नाते
बीत रहे दिन-रात ,मार पत्नी से खाते
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[28/12/2020, 4:09 PM] Ravi Prakash: रवि प्रकाश की दो हास्य कुंडलियाँ
?????????
( एक )
मैडम कितनी आयु है ?
??????????
बतलाया हरगिज़ नहीं ,कभी जन्म का साल
मैडम कितनी आयु है ? ,लगता बुरा सवाल
लगता बुरा सवाल , उम्र घट – घट कर काटी
बतलाना कम वर्ष , जिंदगी की परिपाटी
कहते रवि कविराय , रिटायर-दिन जब आया
अब सेवानिवृत्त , रजिस्टर ने बतलाया

( दो )
बेचारी नमकीन
??????????
रोती जीवन भर रही , बेचारी नमकीन
हर मौके पर रह गई ,मिष्ठान्नों से हीन
मिष्ठान्नों से हीन ,खुशी का अवसर आता
लड्डू देते बाँट ,समोसा कौन खिलाता
कहते रवि कविराय ,कद्र मीठे की होती
दालमोठ बेकार ,सुअवसर पर हर रोती
?????????
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[28/12/2020, 5:07 PM] Ravi Prakash: नेतागर्दी (हास्य कुंडलिया)
?????????
नेतागर्दी का मजा , सुबह दोपहर शाम
चले झुंड में घूमने , रोजाना का काम
रोजाना का काम ,व्यर्थ कुछ प्रश्न उठाते
अफसर से बेबात ,बात में लड़-लड़ जाते
कहते रवि कविराय , भले हो गर्मी सर्दी
कब देखा दिन-रात , कार्य जब नेतागर्दी
???????
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[29/12/2020, 7:47 PM] Ravi Prakash: रवि प्रकाश की दो हास्य कुंडलियाँ
?????????
( एक )
कितने करें डिलीट ?
बेगारी के हो गए , रोजाना मजदूर
प्रियजन फोटो भेजते , हम उनसे मजबूर
हम उनसे मजबूर , ढेर फोटो हैं आते
कितने करें डिलीट?,हाथ थक-थक हैं जाते
कहते रवि कविराय , समस्या गहरी भारी
दया करो हे मित्र , कराओ मत बेगारी
( दो )
सोते रहो
सोने में आता मजा , जगना है बेकार
सोओ चादर तानकर ,जब आए रविवार
जब आए रविवार ,न घर से बाहर जाना
सोते रहो अपार ,चाय बिस्तर पर पाना
कहते रवि कविराय ,नर्क बिस्तर खोने में
सुख है स्वर्ग समान ,आँख मींचे सोने में
??????
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बेगारी = बिना वेतन दिए कराया जाने वाला काम
डिलीट = व्हाट्सएप पर आने वाले फोटो और वीडियो को डिलीट करने की समस्या
[31/12/2020, 12:13 PM] Ravi Prakash: नैनीताल में नववर्ष (हास्य कुंडलिया)
?☘️????☘️?
सुनिए जब नव वर्ष में , बुरा हमारा हाल
किट – किट करते दाँत थे ,पहुँचे नैनीताल
पहुँचे नैनीताल , ठंड में जाकर जकड़े
रहे रूम में बंद , सिर्फ हीटर को पकड़े
कहते रवि कविराय ,करी गलती सिर धुनिए
ठिठुरे अकड़ी देह ,करुण गाथा मत सुनिए
???????
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???????
रूम = कमरा
हीटर = गर्मी /आग उत्पन्न करने वाला यंत्र
[01/01, 12:42 PM] Ravi Prakash: नव वर्ष पर सुबह पाँच बजे बधाई :
(हास्य कुंडलिया)
????????
आई प्रातः पाँच पर , मोबाइल आवाज
हमने सोचा हे प्रभो ! ,अनहोनी क्या आज
अनहोनी क्या आज , उधर से सुना “बधाई”
हम बोले हे मित्र , बंधु या कहें कसाई
कहते रवि कविराय ,कसम उनको खिलवाई
खबरदार नववर्ष , सुबह को घंटी आई

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[08/01, 11:10 PM] Ravi Prakash: सिर के बाल (हास्य कुंडलिया)
?????????
बालों की वैरायटी , सिर के बाल कमाल
कुछ काले कुछ श्वेत हैं ,कुछ के दिखते लाल
कुछ के दिखते लाल ,बाल कुछ सीधे-सादे
कुछ में उलझन व्याप्त ,झाड़ियाँ जैसे लादे
कहते रवि कविराय ,बाल शोभा गालों की
रखिए बाल सँभाल , करें सेवा बालों की
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[10/01, 5:46 PM] Ravi Prakash: बर्फी रसगुल्ला – एक लव स्टोरी ( हास्य कुंडलिया )
?????????
रसगुल्ला करने लगा , बर्फी से जब बात
गरम जलेबा जल उठा , हलवा भरी परात
हलवा भरी परात , गोल लड्डू घबराया
बोला कालाजाम , रंग ने हमें हराया
कहते रवि कविराय ,युद्ध था खुल्लम-खुल्ला
जीता लेकिन प्यार ,अमर बर्फी रसगुल्ला
??????????
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परात = मिठाई रखने का बड़ा पात्र
[11/01, 7:05 PM] Ravi Prakash: उठाऊ-चूल्हा नेता (हास्य कुंडलिया)
????????
नेता दलबदलू हुए , नेता धोखेबाज
किस दल के हैं यह सगे ,किस दल की आवाज
किस दल की आवाज , जहाँ है हलवा – पूरी
जाने को तैयार , वहीं जी करें हजूरी
कहते रवि कविराय , कार्यकर्ता दिल देता
टिका यही अविराम , उठाऊ – चूल्हा नेता
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[11/01, 10:30 PM] Ravi Prakash: हिमपात-दर्शन (हास्य कुंडलिया)
???????
नीले सारे पड़ गए ,दस के दस नाखून
होता था हिमपात जब , गए दे्हरादून
गए देहरादून ,होंठ पर कंपन आता
बुरे फँसे इस बार ,बदन कहता ठिठुराता
कहते रवि कविराय , बर्फ के गोले मारे
था तो रंग सफेद , दिखे पर नीले सारे
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[11/01, 10:30 PM] Ravi Prakash: स्वागतम धरने (हास्य कुंडलिया)
????????
धरने पर भी सोचिए ,बजट बने जब आम
कुछ पैसा रखिए जरा ,धरने के भी नाम
धरने के भी नाम ,लंच सरकार खिलाए
सुबह – शाम जलपान ,गुदगुदे सोफे लाए
कहते रवि कविराय ,काम हैं काफी करने
आवभगत हो भव्य ,स्वागतम करिए धरने
?☘️?☘️??☘️?☘️
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[11/01, 10:32 PM] Ravi Prakash: सुंदर नाखून (हास्य कुंडलिया)
?????????
कोई लंबे रख रही , कोई रखती न्यून
सुंदरियों के देखिए ,भाँति -भाँति नाखून
भाँति-भाँति नाखून ,नेल हैं पालिश वाले
हरे गुलाबी लाल , मस्त लगते मतवाले
कहते रवि कविराय , सुंदरी रहती खोई
नख-शिख तक सौंदर्य ,चाहती गाए कोई
??????????
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[11/01, 10:33 PM] Ravi Prakash: कुल्हड़ वाली चाय (तीन हास्य कुंडलियाँ)
?????????
( 1 )
आती खुशबू मस्त है ,कुल्हड़ में जब चाय
साँसे जाती हैं महक ,दिल कहता है हाय !
दिल कहता है हाय ,काश ! रोजाना पी लें
नया चषक हर बार ,नए कुल्हड़ सँग जी लें
कहते रवि कविराय ,चाय जब कुल्हड़ पाती
बढ़ जाता आनंद , भले आधी ही आती

??☘️☘️( 2 )☘️☘️??
नखरे कुल्हड़ के बड़े , महँगी पड़ती चाय
इसमें पीते हैं वही , जिन की मोटी आय
जिनकी मोटी आय ,पिया फेंका बिसराया
कुल्हड़ ने सम्मान , टोकरी में बस पाया
कहते रवि कविराय ,दाम कुल्हड़ का अखरे
मन की रहती चाह , उठे पर कैसे नखरे

??☘️☘️( 3 )☘️☘️??
घर में कप में पी रहे , रोजाना ही चाय
मजबूरी में कौन सा ,इसके सिवा उपाय
इसके सिवा उपाय ,याद कुल्हड़ की आती
अहा ! महकती गंध ,चहकती क्या मस्ताती
कहते रवि कविराय ,काश कुल्हड़ हो कर में
मन में रहती चाह , चाय कुल्हड़ की घर में
??????????
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_______________________________
कर में = हाथ में
चषक = चाय आदि पीने का पात्र
[11/01, 10:33 PM] Ravi Prakash: आँखें ( हास्य कुंडलिया )
?????????
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात
जिह्वा शातिर है बड़ी ,दिन को कहती रात
दिन को कहती रात ,झूठ का जाल बिछाती
आँख बोलती सत्य , नहीं धोखा दे पाती
कहते रवि कविराय , मौन हैं लेकिन गातीं
आँखों में लो झाँक ,राज आँखें बतलातीं
??????????
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[11/01, 10:34 PM] Ravi Prakash: धरना-केंद्र (हास्य कुंडलिया)
??????
धरना – केंद्र बने हुए , सुंदर जैसे नीड़
तंबू ताने घूमती , सड़कों पर है भीड़
सड़कों पर है भीड़ ,मुफ्त में मिलता खाना
लोकतंत्र का अर्थ ,अराजकता तक जाना
कहते रवि कविराय ,न हालत अभी सुधरना
गुल खिलवाए और ,कौन जाने यह धरना
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नीड़ = आश्रय ,घर ,घोंसला
[11/01, 10:35 PM] Ravi Prakash: सोशल मीडिया की दुनिया(हास्य कुंडलिया)
?☘️?????☘️?
कहते उसको स्वर्ग कब ,कहते कब हैं नर्क
इस दुनिया से है परे ,उस दुनिया में फर्क
उस दुनिया में फर्क ,वहाँ के अलग नजारे
अलग वहाँ के चित्र ,मित्र इस जग से न्यारे
कहते रवि कविराय ,उसी में खोए रहते
बच्चे वृद्ध जवान ,मस्त उस जग को कहते
?☘️?????☘️?
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[12/01, 1:25 PM] Ravi Prakash: वाह-वाह क्या दाँत (हास्य कुंडलिया)
??????????
गिरते – गिरते गिर गए ,बत्तिस दाँत तमाम
खाने लायक मुँह बचा ,सिर्फ पिलपिले आम
सिर्फ पिलपिले आम ,पोपला मुख जब पाया
बत्तीसी का सेट , एक नकली लगवाया
कहते रवि कविराय ,युवा अब होकर फिरते
देते मधु – मुस्कान , बिजलियाँ बनकर गिरते
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[12/01, 4:06 PM] Ravi Prakash: लाइक और कमेंट 【हास्य कुंडलिया】
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पाता सोशल मीडिया ,लाइक और कमेंट
जिसको ज्यादा मिल गए ,महके जैसे सेंट
महके जैसे सेंट , नहीं मिलते घबराता
चकराता सिर घोर ,उतर मुखमंडल जाता
कहते रवि कविराय ,धन्य जीवन कहलाता
लाइक और कमेंट , ढेर जो भर – भर पाता
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सेंट = इत्र
[17/01, 1:33 PM] Ravi Prakash: लक्ष्मी वंदना (हास्य कुंडलिया)
?????????
देना माता लक्ष्मी , यह वरदान महान
एक छंद पढ़कर मिले , कंचन तोला दान
कंचन तोला दान ,सभी कवि धनिक बनाओ
हर श्रोता को कार , एक कोठी दे जाओ
कहते रवि कविराय , आप से वर यह लेना
सब को सौ – सौ लाख , बैंक खाते में देना
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कंचन तोला = एक तोला सोना
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[19/01, 8:31 PM] Ravi Prakash: संसद की कैंटीन (हास्य कुंडलिया)
?????????
जाने कैसे हो गई ,यह सब्सिडी-विहीन
समझो अब श्रीहीन है ,संसद की कैंटीन
संसद की कैंटीन ,आमजन नजर लगाते
सभी मजे बेकार ,सब्सिडी तुरत हटाते
कहते रवि कविराय ,गए सांसद के माने
हुए आदमी आम ,दर्द कोई कब जाने
??????️?️??
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[22/01, 1:01 PM] Ravi Prakash: डाई वाले बाल (हास्य कुंडलिया)
✳️❇️?♥️???❇️✳️
डाई से काले हुए , सुंदर उर्मिल केश
बूढ़ों के मन से मिटे ,भीतर के सब क्लेश
भीतर के सब क्लेश ,अदा यौवन की लाते
चले अकड़ कर चाल ,बाल सब को दिखलाते
कहते रवि कविराय , बसंती अब अंगड़ाई
हुए साठ के बाल , तीस के रँगकर डाई
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????????
उर्मिल = लहरों से युक्त ,जिसमें छोटी-छोटी तरंगे या लहरें उठती हैं
[22/01, 7:37 PM] Ravi Prakash: बिजली-चोरी (हास्य कुंडलिया)
????????
चोरी बिजली की करें ,इसमें मजे अपार
बिल कोई आता नहीं ,एसी चलते चार
एसी चलते चार , टैंक में रॉड डुबाएँ
सभी नलों में गर्म ,शीत में जल को पाएँ
कहते रवि कविराय ,सीखिए सीनाजोरी
कहें ठोंक कर ताल ,कौन रोकेगा चोरी
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[02/02, 11:11 AM] Ravi Prakash: धनधाम ( हास्य कुंडलिया )
✳️❇️???❇️✳️
चाहत प्रभु जी है यही , सदा करें आराम
बिना किए कुछ काम ही ,बढ़े रोज धनधाम
बढ़े रोज धनधाम , फाड़कर छप्पर देना
लगे न उस पर टैक्स ,समूचे हर-हर लेना
कहते रवि कविराय , कमाने से दो राहत
सौ करोड़ बैलेंस , बैंक में हो यह चाहत
?????????
धनधाम = धन-दौलत और घर-बार
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[14/02, 1:18 PM] Ravi Prakash: पैसा (हास्य कुंडलिया)
??????????
पैसा जिस पर आ गया , उसकी ऊँची नाक
पैसा अब जिस पर नहीं ,उसकी इज्जत खाक
उसकी इज्जत खाक , जगत मनुहार लगाता
पुष्प – हार सम्मान , खींच कर पैसा लाता
कहते रवि कविराय , भले हो चाहे जैसा
मुख्य – अतिथि अध्यक्ष ,पास में जिसके पैसा
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मनुहार = रूठे व्यक्ति को मनाने के लिए की जाने वाली मीठी बातें ,खुशामद
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[22/02, 5:00 PM] Ravi Prakash: शुगर रहित मिष्ठान्न (हास्यकुंडलिया)
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फीके के दिन चल रहे ,सबको डायबिटीज
गुझिया खाना है मना ,सब ही बने मरीज
सब ही बने मरीज , मिठाई कैसे खाएँ
शुगर रहित मिष्ठान्न , इमरती गरम बनाएँ
कहते रवि कविराय ,स्वस्थ हों लस्सी पी के
शुगर रहे कंट्रोल , बनाओ लड्डू फीके
?????????
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[05/04, 1:55 PM] Ravi Prakash: महिला-आरक्षण (हास्य कुंडलिया)
?????????
आई पत्नी एक दिन ,आरक्षण-वश काम
खड़ी चुनावों में हुई , लेकर पति का नाम
लेकर पति का नाम ,चित्र पत्नी का छोटा
पीछे हैं पतिदेव , चेहरा लेकर मोटा
कहते रवि कविराय ,धन्य जो पत्नी पाई
महिला मिली अमूल्य , भरोसे वाली आई
????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[06/04, 4:23 PM] Ravi Prakash: वोटरों से अपील ( हास्य कुंडलिया )
?????☘️??
कहना मास्क लगाइए ,रहिए छह फिट दूर
गरज तुम्हारी है पड़ी , नेता तुम मजबूर
नेता तुम मजबूर ,नाक छिलने तक रगड़ो
किसका होगा वोट ,सभी प्रत्याशी झगड़ो
कहते रवि कविराय ,पड़ेगा उनको सहना
चार दिवस लो मौज ,वोटरों यह ही कहना
?????????
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[09/04, 11:47 PM] Ravi Prakash: बेचारा मास्क (हास्य कुंडलिया)
?????????
जुर्माने से बच सकें , इतना सिर्फ लगाव
वरना किसको है पड़ी , किसे मास्क का चाव
किसे मास्क का चाव ,नासिका – नीचे लटका
बना कंठ का हार ,कान – खूँटी पर अटका
कहते रवि कविराय , किसे डर छू जाने से
डर है केवल एक , सभी को जुर्माने से
??????????
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[10/04, 10:39 AM] Ravi Prakash: बच्चे बेचारे (हास्य कुंडलिया)
????????
बच्चे बेचारे फँसे , फिरते हैं फटमार
एक साल से चल रहा ,छुट्टी का रविवार
छुट्टी का रविवार , जेब से रहते फूले
रोज सुबह से शाम ,खेल में सब कुछ भूले
कहते रवि कविराय ,पढ़ाकू रहे न सच्चे
अब सब एक समान , निखट्टू सारे बच्चे
?????????
फटमार = अस्त-व्यस्त अवस्था
निखट्टू =निकम्मा ,आलसी ,बेकार ,
आरामतलब
?????????
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[10/04, 1:05 PM] Ravi Prakash: जीत का मंत्र (हास्य कुंडलिया)
??????????
करना केवल यह रहा , बाँटो खूब शराब
चलता यही चुनाव में , कहते रहो खराब
कहते रहो खराब , जीत मदिरा से आती
जिसके बँटते नोट , फूलती उसकी छाती
कहते रवि कविराय,अकल ज्यादा मत चरना
अगर जीत की चाह , काम टुच्चे सब करना
★★★★★★★★★★★★★★
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[11/04, 11:11 AM] Ravi Prakash: वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
??????????
पूड़ी – हलवा बँट रहा , जैसे जिमी बरात
वोटर बोला वाह जी , वाह वाह क्या बात
वाह वाह क्या बात , मुफ्त में मदिरा पाई
भरे जेब में नोट , लाटरी ज्यों लग आई
कहते रवि कविराय ,चार दिन का यह जलवा
पाँच साल के बाद , मिलेगा पूड़ी – हलवा
????????
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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???????
जलवा = शोभा ,तड़क-भड़क ,छवि ,छटा
जिमी = जीमना ,जिमाना ,भोजन आदर पूर्वक कराना
[11/04, 5:38 PM] Ravi Prakash: चुनाव की चिल्लपों (हास्य कुंडलिया)
?????????
पाँच बरस में दस दफा ,षट्मासिक मतदान
प्रतिदिन भाषण – रैलियाँ ,खाते रहते कान
खाते रहते कान , शहर – गाँवों में रोते
कभी केंद्र तो राज्य , रोज ईवीएम ढोते
कहते रवि कविराय ,चिल्लपों रखिए बस में
हो चुनाव बस एक ,समूचे पाँच बरस में
????????
चिल्लपों = चीख-पुकार ,चिल्लाहट ,शोरगुल
????????
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[12/04, 12:02 PM] Ravi Prakash: चुनाव-परिदृश्य (हास्य कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
सुनिए कैसे गा रहे , गीदड़ और सियार
दुर्लभ दृश्य अलाप के ,दिव्य चुनाव-प्रचार
दिव्य चुनाव-प्रचार ,चैन कब किसको आया
एक दुलत्ती मार , गधे ने गधा गिराया
कहते रवि कविराय ,जोंक या खटमल चुनिए
एक माह बकवास ,प्रमुख इन दो की सुनिए
??????????
अलाप = संगीत की साधना
??????????
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[12/04, 12:12 PM] Ravi Prakash: देखें चलें चुनाव (हास्य कुंडलिया)
??????????
गोली बंदूकें चलीं , चले तीर तलवार
हड्डी टूटी सिर फटे , हुए वार पर वार
हुए वार पर वार ,युद्ध का मौसम आया
मारकाट का दृश्य ,अराजकता की छाया
कहते रवि कविराय ,जहर की जैसी बोली
देखें चलें चुनाव , झेलने चलते गोली
★★★★★★★★★★★★★★★
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[13/04, 11:14 PM] Ravi Prakash: किसको रोता कौन (हास्य कुंडलिया)
?☘️?☘️?☘️?☘️?☘️
किसको फुर्सत है रखी ,किसको रोता कौन
खबर मिली जब चल बसे,रखा दो मिनट मौन
रखा दो मिनट मौन ,मौज फिर सबकी चालू
पूड़ी हलवा भोज , रायता टिकिया आलू
कहते रवि कविराय ,आयु पूरी कर खिसको
मुड़ो न देखो बंधु , शोक है कितना किसको
??????????
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[18/04, 9:28 PM] Ravi Prakash: मास्क लटकता (हास्य कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
फिरते पहने मास्क हैं , जैसे करें मजाक
बच जाएंगे रोग से , मोटू जी क्या खाक
मोटू जी क्या खाक ,नाक से मास्क लटकता
हैं केवल आश्वस्त , न जुर्माना हो सकता
कहते रवि कविराय ,व्यूह में यम के घिरते
चारों खाने चित्त , फँसे अब भागे फिरते
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[02/05, 12:30 PM] Ravi Prakash: हाथों का व्यायाम (हास्य कुंडलिया)
☘️???????☘️
बर्तन फिर से मांजना ,झाड़ू फिर से काम
मस्ती में दिन कट रहे ,लेकर प्रभु का नाम
लेकर प्रभु का नाम ,लगाते प्रतिदिन पोछा
बिना प्रेस के वस्त्र ,पहनना लगा न ओछा
कहते रवि कविराय ,जिंदगी करती नर्तन
हाथों का व्यायाम ,मांजते फिर से बर्तन
??????????
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[03/05, 9:48 AM] Ravi Prakash: प्रधानपति (हास्य कुंडलिया)
☘️???☘️?☘️???
बेचारी पत्नी बनी , लड़कर ग्राम – प्रधान
यों प्रधानपति बन गए ,श्री पतिदेव महान
श्री पतिदेव महान ,मिला पति का पद प्यारा
हस्ताक्षर को छोड़ ,इन्हीं का जलवा सारा
कहते रवि कविराय ,जीत की माला भारी
पहने श्री पतिदेव , श्रीमती जी बेचारी
??????????
जलवा = रौनक , तड़क-भड़क
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[04/05, 11:53 AM] Ravi Prakash: पाजामा जिंदाबाद (हास्य कुंडलिया)
?☘️?????☘️?
पाजामा-बनियान की ,फिर से जिंदाबाद
लगा लॉकडाउन जहां ,पैंट-शर्ट कब याद
पैंट-शर्ट कब याद ,शेव अब कौन बनाए
चप्पल जय-जयकार ,काम में टूटी आए
कहते रवि कविराय ,बंद हैं घर में मामा
करते टेलीफोन ,पहन दिन-भर पाजामा
?????????
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[19/05, 3:25 PM] Ravi Prakash: प्लेट उठाता कौन (हास्य कुंडलिया)
??????????
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म
हलवा दो चमचे चखा ,मालपुआ अति नर्म
मालपुआ अति नर्म , दहीभल्ले थे न्यारे
मधुर मूँग की दाल ,गोलगप्पे अति प्यारे
कहते रवि कविराय ,पेट यों भर-भर आया
प्लेट उठाता कौन ,नहीं खाना फिर खाया
?????????
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[25/05, 7:57 PM] Ravi Prakash: ढीला मास्क (हास्य कुंडलिया)
????????
पहना ऐसे मास्क है , आभूषण ज्यों हार
नीचे लटका नाक से , मूछों पर है भार
मूछों पर है भार , होंठ से पान चबाते
कुछ सँभाल कर लोग ,जेब में रख कर जाते
कहते रवि कविराय ,नया यह लगता गहना
धन्य धन्य आभार , जिन्होंने ढीला पहना
?????????
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[29/05, 4:22 AM] Ravi Prakash: मक्खनबाजी (हास्य कुंडलिया)
???☘️☘️☘️☘️
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात
यह विद्या दिलवाएगी ,नवनिधि की सौगात
नवनिधि की सौगात ,मिलेगी खूब तरक्की
पद पदवी सम्मान ,लाटरी समझो पक्की
कहते रवि कविराय ,गधे को कहो पिताजी
देगी शुभ वरदान ,भैंस की मक्खन बाजी
???????????
निष्णात = कार्यकुशल ,परिपक्व
मक्खनबाजी = चाटुकारिता ,चापलूसी

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[04/06, 4:52 PM] Ravi Prakash: सास-बहू (हास्य कुंडलिया)
??????????
नया जमाना आ गया ,रही सास कब खास
जींस पहन बहुएँ चलीं , घूँघट ओढ़े सास
घूँघट ओढ़े सास , आज की बहुएँ भारी
देती रहतीं ज्ञान ,सास को दिन-भर सारी
कहते रवि कविराय ,गुरु गूगल को माना
मोबाइल – निष्णात ,बहू अब नया जमाना
??????????
निष्णात = पारंगत ,खूब अच्छी तरह जानने
की समझ
??????????
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[06/06, 4:20 PM] Ravi Prakash: झेलते जीवनसाथी (हास्य कुंडलिया)
??????????
मिलता जीवन में किसे , साथी पूर्ण पसंद
कुछ के होंठ अधिक खुले ,कुछ के मिलते बंद
कुछ के मिलते बंद , जिंदगी गुजरा करती
कुछ सच्ची कुछ झूठ ,झेलती रही विचरती
कहते रवि कविराय ,पुष्प कब मन का खिलता
सोचा करते रोज ,काश कुछ मन का मिलता
?????????
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[08/06, 5:02 PM] Ravi Prakash: पगड़ी पहनी (हास्य कुंडलिया)
??☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️
पगड़ी पहनी जन्म में , सिर्फ एक ही बार
घोड़ी पर बैठे चले , जैसे हों सरकार
जैसे हों सरकार , समझते खुद को राजा
आगे – आगे बैंड , बजाता चलता बाजा
कहते रवि कविराय , फीस जाती है तगड़ी
होता कभी न ब्याह ,बिना बाजा बिन पगड़ी
?????????
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[11/06, 10:22 AM] Ravi Prakash: मूसलाधार (हास्य कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■?
नाई से ज्यों ही कटे , पप्पू के सब केश
घुटा हुआ सिर हो गया ,मन में भारी क्लेश
मन में भारी क्लेश ,तभी बारिश ने मारा
बूँद मूसलाधार , कर रही घात करारा
कहते रवि कविराय ,समझ पप्पू को आई
बोला वर्षा बीच , पास मत जाना नाई
??????????
मूसलाधार = मूसल के समान मोटी धार,
मुसल के द्वारा ओखली में रखी हुई वस्तु को
जोर-जोर से कूटा जाता है । इसी कारण से
तेज बारिश को मूसलाधार कहा जाने लगा
घात = चोट
क्लेश = दुख ,तकलीफ
~~~~~~~~““~~~~~~~~~
रचना तिथि : 11 जून 2021
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
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[11/06, 4:17 PM] Ravi Prakash: प्राइवेट ससुराल में टीका (हास्य कुंडलिया)
?????????
लगवाने टीका गए , प्राइवेट ससुराल
वहाँ बताया यह गया , पैसे से है माल
पैसे से है माल , मुफ्त में टीका कैसा
रुपए दें दामाद ,सास को दें कुछ पैसा
कहते रवि कविराय ,गए वह नियम पुराने
लाओ सँग अब नोट ,अगर आओ लगवाने
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचना तिथि : 11 जून 2021
[12/06, 4:51 PM] Ravi Prakash: खंडन मंत्री (हास्य कुंडलिया)
????????
फैली इतनी गप्प है , जैसे फैली आग
अब शासन में चाहिए ,खंडन एक विभाग
खंडन एक विभाग ,एक दफ्तर छह चाकर
खंडन – मंत्री रोज ,करें खंडन आ-आकर
कहते रवि कविराय ,मीडिया सोशल मैली
इस कारण अफवाह ,बिना पैरों के फैली
■■■■■■■■■■■■■■■■☘️
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश)
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[14/06, 12:18 PM] Ravi Prakash: हुई जमानत जब्त (हास्य कुंडलिया)
?️?????️????
गर्वीला नेता बना , मंत्री उच्च महान
जनता से कहने लगा , देखो मेरी शान
देखो मेरी शान ,अदब से शीश झुकाओ
जनता बोली धूर्त ,इसे अब सबक सिखाओ
कहते रवि कविराय ,पड़ा तब नेता पीला
हुई जमानत जब्त , झुका मुखड़ा गर्वीला
?????????
गर्वीला = गर्व करने वाला ,अभिमान से भरा
अदब = सम्मान ,इज्जत
धूर्त = मन में कपट रखने वाला

रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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[14/06, 12:59 PM] Ravi Prakash: अभागे पति पछताए (हास्य कुंडलिया)
?????????
आए बादल तो कहा ,पति ने मौसम जान
गरम पकौड़ी इस समय ,भारी पुण्य-प्रधान
भारी पुण्य – प्रधान ,तुरत पत्नी यह बोली
पुण्य कमाएँ आप , हमारी भर दें झोली
कहते रवि कविराय ,अभागे पति पछताए
तली पकौड़ी गर्म , प्लेट में लेकर आए
■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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