23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷जिनगी ला गढ़ ले🌷
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जिनगी ला गढ़ ले।
थोकिन तैं पढ़ ले।।
समझ इहां दुनिया।
उंचाई चढ़ ले।।
सुन के रोज किस्सा।
संगी सन बढ़ ले ।।
फोकट का मिलही ।
हुनर अपन गढ़ ले।।
दुनिया हे खेदू
बन झन अनपढ़ ले।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-10-2023शुक्रवार