23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/214. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 मन ले कचरा बाहार लेतेस🌷
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मन ले कचरा बाहार लेतेस।
जिनगी के दुख डोहार लेतेस।।
दुनिया हमला देखात देखात ।
सुख ला देवत पोटार लेतेस।।
उड़ती चिरईया कस उड़े सोच ।
ते हमरो सुन गोहार लेतेस।।
आज जमाना के पाछु झन भाग ।
मन बइरी ला खेदार लेतेस।।
बांटत खेदू अंजोर ला सुघ्घर ।
सुनता के जै जोहार लेतेस।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-12-2023शुक्रवार