23/208. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/208. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 कतिक मया हे बताबे का🌷
22 2212 22
कतिक मया हे बताबे का।
सिरतो ते आज आबे का।।
चिरई चहकत हवे देखय ।
सुघ्घर इहां गीत गाबे का।।
हिरदे के मोर रानी बन ।
मोला राजा बनाबे का।।
ये करमा ददरिया गावत।
मोला मटकत नचाबे का।।
जिनगी हे कीमती खेदू।
संगी दुनिया सजाबे का।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
23-12-2023शनिवार