23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/204. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 सब पीरा ला हर लेथंव🌷
22 22 2221
सब पीरा ला हर लेथंव ।
अपन बुता ला कर लेथंव।।
का करही दुनिया हा हमर।
मन पीरित ला भर लेथंव ।।
का हे भाव समझही कोन ।
हिरदे महकत धर लेथंव।।
मोर मया मा बस बंधाय।
उनहारी कस दर लेथंव ।।
आगू बढ़थे खेदू रोज।
ये पांव इहां पर लेथंव।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-12-2023शुक्रवार