23/203. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/203. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 झन भुलाबे रद्दा ला🌷
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झन भुलाबे रद्दा ला।
रेंगबे धर रद्दा ला।।
ये अजब हे कहानी ।
रोज देखय रद्दा ला।।
हाथ देखत बिचारे ।
बस बताथे रद्दा ला।
कलपथे मन जिहां का।
कब बनाथे रद्दा ला।।
गीत गा रोज खेदू।
सब दिखावत रद्दा ला।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-12-2023सोमवार